
मिसाइलों के हमले के चलते इमारतें पल भर में धराशायी हो गईं। महिला ने बताया कि सुबह होने पर जब हम बाहर निकले तो डर रहे थे। हर कोई खौफ में था। यहां तक कि हम मलबे के बीच से होते हुए गुजरे तो लोगों ने नाक बंद कर रखी थी। इसकी वजह यह थी कि हमें डर था कि कहीं हम सांस लेते हुए बारूद ही न अंदर ले जाएं।, International Hindi News – Hindustan