
इजरायल ने यह हमला अचानक नहीं किया है। लगातार दो दशकों तक ईरान के परमाणु कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी और अन्य विश्व नेताओं से कार्रवाई करने का आग्रह करने के बाद नेतन्याहू ने आखिरकार अकेले ही आगे बढ़ने का फैसला किया। इजरायल का साफ कहना है वह अपने अस्तित्व को बचाने के लिए ईरान पर हमला कर रहा है।